कर्ण पिशाचिनी-एक अनोखी कहानी Part-4
कर्ण पिशाचिनी-एक अनोखी कहानी Part-3 ! पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कर्ण पिशाचिनी साधक की यौन इच्छा पूरी करती है और अब आगे पढ़ें:-
वो उस जंगल में अकेले नगन अवस्था में होता है वो अपने कपड़े पहनते हैं और फिर से उस पिसाचनी को ढूंढने लगते हैं लेकिन वो कहीं नहीं दिखती वो वापस गांव में जाते हैं और एक पोखर में जाकर नहा धोकर वापस अपने घर जाते हैं और उन लोगों को फिर से घर खाली करने के लिए कहते है.
इस बार भी वो लोग उन्हें परेशान कर देते हैं और घर से बाहर निकाल दिए जाते हैं इस बार साधक को बहुत गुस्सा आता है और वो उन लोगों को बोलते हैं कि अगर तीन दिन में तुमने इस घर को खाली नहीं किया और ये गांव छोड़कर यहां से नहीं गए तो तुम सब धीरे-धीरे इसी घर में मारे जाओगे देखते-देखते वहां पर लोगों की भीड़ जमा हो जाती है.और लोगो को पता चल जाता है कि यही वही व्यक्ति है जो कुछ साल पहले यहां अपनी मां के साथ रहता था और अब वो एक साधक बन कर वापस आया है. तभी उस घर से कुछ आदमी बाहर आते है और साधक को बहुत बुरी तरह से पीटने लगते है! साधक को बहुत चोट लग जाती है और उनके शरीर से खुन भी बहने लगता है और वो बेहोश हो जाते है सभी लोग उन्हें उठा कर एक घर में ले जाते हैं और उनकी मरहम पट्टी करते हैं और
उनके बारे में मुझसे पूछते हैं कि वो 2 वर्षों से कहां गायब थे। उनके एक दोस्त भी उनसे मिलते हैं और वे अपने घर पर रहने के लिए बोलते हैं. साधक किसी के भी घर पर रहने से मना कर देते हैं और वापस से जंगल में चले जाते हैं जंगल में जाने के दौरान एक बकरी का बच्चा दिखता है जिसे देख कर उन्हें उसे खाने की इच्छा होती है तो वो उसे भी साथ में लेकर चले जाते है.साधक बकरे को जंगल में ले जाकर एक खुट्टे से बाँध देते है और रात का इंतजार करते है जैसे ही रात होती है कर्णा पिसाचनी उनके पास आती है और उनके चोट लगे हुए घाव को देखती है और गुस्से से आग बबूला हो जाती है और कहती जब वो लोग तुम्हें मार रहे थे तो तुमने मुझे क्यों नहीं बुलाया. साधक पिशाचनी को कहता है मैं उन सभी लोगों से बदला लेना चाहता हूं पर सबके सामने नहीं और इसमें तुम्हें मेरा साथ देना होगा। कर्ण पिशाचनी खुश हो जाती है और पूछती है बदले में मुझे क्या मिलेगा साधक कहते हैं उन सबकी आत्मा.
पिसाचनी मान जाति और तभी उसकी नज़र बकरे पर पड़ती है और वो उस पर टूट पड़ती है और बकरे को अपने दांतों से नोचने लगती है और उसका खून पीने लगती है और फिर साधक की तरफ देखते हुए कुछ मास का टुकड़ा उसकी तरफ फेंकती है.
मास के टुकड़े को लेकर साधक भी खाने लगते हैं और बकरे का खून पीने के बाद पिसाचनी साधक के पास आती हैं और साधक को काम उतेजना के लिए मनाती हैं और फिर साधक और पिसाचनी दोनो ही एक दूसरे के काम वासना में खो जाते हैं
कुछ देर के संभोग की संतुष्टि के बाद पिशाचनी साधक को देख रही होती है तो साधक कर्ण पिसाचनी से पूछता है कि उसका असली रूप कैसा है साधक उस पिशाचनी को उसके असली रूप में देखना चाहता है.कर्ण पिसाचनी साधक के मन को जान जाती है और फिर अपने असली रूप में आती है जिसे देखकर साधक को आश्चर्य होता है। साधक कर्ण पिसाचनी को देखते ही रह जाते हैं उसका असली रूप बहुत भयानक होता है बड़े बड़े बाल जोकी बिखरे हुए थे लाल वस्त्र पहने हुए जिसके पुरे शरीर पर खून लगा होता है और मुंह से भी खून टपक रहा होता है.
और जो देखने में बिल्कुल पूरी एक स्त्री के रूप में राक्षसनी जैसी होती है। साधक कर्ण पिसाचनी से पूछता है तुम्हें कितने साधकों ने सिद्ध किया है तो इसी बात पर वो कर्ण पिसाचनी कहती है कि इसे पहले मैं तुम्हारे गुरु के पास थी जो अब मर गए और मरने से पहले सारी अनुष्ठान करवाके उसने मुझे तुझे दे दिया है. तभी साधक को याद आता है कि ये वही स्त्री है जो एक बार अघोरी गुरु के साथ मिलकर काम क्रीडा कर रही थी और साधक ने उन दोनों को देखा था। और मरने से पहले साधक को जो अनुष्ठान बताया गया था वो इसी कर्ण पिसाचनी को पाने और संभालने के लिए बताया गया था.अब साधक कर्ण पिसाचनी से कहता है कि तुम उन लोगों को मार सकती हो जिन्होने मेरे घर पर अवैध कबजा कर रखा है। पिसाचनी कहती है हा क्यू नहीं तभी वो कर्ण पिसाचनी एक प्रेत को प्रकट करती है जोकी पूरी तरह से भयानक लग रहा था जिसकी तीन आँखे थी लम्बा कद बङे घुघराले बाल दो बडे दाँत जो मुँह से बाहर आ रहे थे उसका पुरा शरीर सिर्फ हडि्डयों का था कर्ण पिसाचनी उसे आदेश देती है की साधक के घर पर जायों जिन्होने उसे कब्जा रखा है और जाकर सबको परेशान करो पर अभी किसी को मारना नहीं है प्रेत हवा में गायब होकर उनके घर पे पहुंचता है
और घर के अंदर प्रवेश करके सभी दरवाजों और खिडकीयो को तेज़ तेज़ खटखटाने लगता है.जिसे उस घर के लोग जग जाते हैं और पूरी तरह से घबरा जाते हैं. और उस घर का एक व्यक्ति बाहर आकर देखता है कि ये सब किसने किया पर बाहर उसे कुछ भी नहीं दिखता। और वो फिर से घर में चला जाता है। कर्ण पिसाचनी ये सारी घटना घटनाओ को साधक को बता रही होती है और वहा वो प्रेत उनके घर में घुस जाता है और सभी लोगो को कुछ ना कुछ करके डरा रह होता है। तभी पिशाचनी उस साधक को कहती है कि किसी एक व्यक्ति को उसके घर में मरना होगा तभी साधक कहता है कि जिसने मुझे मारा था उसे मार दो इससे तुम्हें एक आत्मा मिल जाएगी। तभी वो उस प्रेत को वापस बुलाती है और कहती है कि उस व्यक्ति को मार दो जिसने साधक को मारा था वो प्रेत वापस उस घर मे जाता है और उस आदमी को ढुंढता है उस समय वह आराम से सो रहा होता है। तभी प्रेत उस व्यक्ति के पास जाता है और उसके कान मे बोलता है कि मुझे तुम्हारा खून पीना है और ये सुनते ही उस व्यक्ति कि नींद खुल जाती है और वो अपने चारो तरफ देखता है लेकिन उसे कुछ भी नहीं दिखता है .
और वह व्यक्ति फिर से सोने की कोशिश करता है लेकिन इस बार उसे ऐसा लगता है कि कोई उसके साथ सो रहा है लेकिन उसे कुछ भी नहीं दिखाता है और वह अपनी आंखें बंद कर लेता है तभी उसे ऐसा लगता है कि कोई उसके शरीर को दबा रहा हो और वो फिर से उठ कर अंधेरे में अपने कमरे से बाहर जाता है.और वो जैसे ही बाहर निकलता है, एक काली परछाई दिखाती है, जो उसकी तरफ ही देख रही होती है, जिसे देख कर वो वापस से अपने कमरे में आता है, वो हैरान हो जाता है, ये देख कर की उसके कमरे में खून ही खून पडा होता है वो उसे देख कर चिल्लाता है और उसके सभी घर वाले उसे देखने आते हैं कि क्या हुआ है पर उन लोगो को कुछ भी नहीं दिखाई देता है।. सारी चीज़ें साधारण हो जाती है और यह देखकर उस व्यक्ति के घर के लोग बोलते हैं कि क्या हुआ तो वो व्यक्ति कहता है कि यहां पर खून था जोकी दिखाई नहीं दे रहा है और फिर उन सभी को बताता है कि किसी ने उसके कानों में कहा कि मुझे तुम्हारा खून चाहिए इसी बात पर उस घर का दूसरा व्यक्ति कहता है कि तुमने जरूर कोई बुरा सपना देखा होगा. और उसे फिर से सोने को कहता है और सभी लोग वहा से अपने अपने कमरे में चले जाते हैं और वो व्यक्ति भी सोने चला जाता है और फिर सोने की कोशिश करता है तभी उसे ऐसा लगता है कि कोई बहुत डरावनी रूप का कोई जीव जिसकी लम्बी जीभ है और उसका मुँह खून से भरा हुआ था अपने बड़े बड़े दांतों को बाहर निकल कर उसके ऊपर चढ़ जाता है वो व्यक्ति इस बार बहुत तेज़ चिल्लाता है पर कोई भी उसकी आवाज नहीं सुन पाता वो बार-बार अपने बिस्तर से उठने की कोसिस भी करता है. व्यक्ति पूरी कोशिश करता है सबको चिल्ला के बताने कि परन्तु उसके मुंह से कोई भी आवाज बाहर नहीं निकलती और देखते ही देखते उसे ऐसा महसूस होता है कि किसी ने उसके दिल पर हाथ रख दिया हो उस व्यक्ति के दिल में बहुत तेज दर्द होता है. ऐसा लग रहा था कि कोई उसके दिल को निचोड़ रहा हो और फिर उस आदमी के मुंह से खून निकलना शुरु हो जाता है और कुछ ही समय मे उसकी मौत हो जाती है.
इस तरह से उस घर के एक व्यक्ति की जान कर्ण पिशाचनी के प्रेत के द्वारा साधक ले लेता है तथा अब साधक दूसरे व्यक्ति के साथ बदला लेने की सोचता है अब उस घर में जब सुबह लोग उठते हैं है और उस आदमी को देखते हैं कि किसी ने उसे मार दिया है तो घर में मातम छा जाता है और सभी लोग चिल्लाने लगते हैं और ये बात पूरे गांव में फैल जाती है. उस घर के लोगो को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि ये सब क्या हो रहा है अचानक से उनके घर मे एक सदस्य की मौत रहस्यमयी तरह से कैसे हो सकती है.घर के लोग एक तांत्रिक को बुलाते हैं तथा अपने घर के लिए कुछ उपाय बताने को कहते हैं जब तांत्रिक उस घर में आता है वह देखते ही समझ जाता है कि
इस घर में एक प्रेत आ चुका है जिसने एक व्यक्ति की जान ले ली है.तांत्रिक घर वालो को बताता है कि इस घर मे एक प्रेत आ चूका है जो बहुत शक्तिशाली है जिसे वश में नहीं किया जा सकता क्योंकि इसके अंदर बहुत शक्ति है और तांत्रिक उन सब को घर छोड़कर जाने को कहता है कि ये घर जिसका भी है वह बहुत असीम शक्तियों का मालिक है तात्रिक गुस्से से चितलाता है चले जायो इस गांव से दूर अगर जीवित रहना चाहते हो। सभी लोग तांत्रिक की इस बात को सुनकर डर जाते हैं और घर को छोड़ने की बात कर रहे होते हैं और फिर रात हो जाती है और फिर से कुछ प्रेत की गतिविधि शुरू होती है
इस बार साधक कर्ण पिशाचनी को कहता है कि मुझे एक और व्यक्ति की जान चाहिए और उधर उस घर में दूसरे व्यक्ति के शरीर के अंदर प्रेत प्रवेश कर जाता है और वो व्यक्ति अपने पास की दीवार पर चढ़ने लगता है. उसे देखकर बाकी के सभी लोग बहुत बुरी तरह से डर जाते हैं और उन्हें रोकने लगते हैं ताकि वो दिवार पर ना चढे और अपना सिर को दीवार पर तेज तेज मारने लगता है तभी वो दीवार पर सर को मार रहा व्यक्ति तेज़ तेज़ असमान्य रूप से हंसने लगता है. और एक मुद्रा में जमीन पर बैठ जाता है और चिल्ला-चिल्लाकर बोलता है कोई नहीं बचेगा तुम सब लोग भी मरोगे मेरे साथ और खून की उल्टी करने लगता है जिसे देखकर उस घर की एक स्त्री भगवान हरी का मंत्र जाप करने लगती हैं। जिसे गुस्सा होकर वह व्यक्ति उस स्त्री को हवा में उड़ाकर घर से बाहर फेक देता है. वह स्त्री घर से बाहर जाकर गिरती है और बेहोस हो जाती है तब कुछ दूसरी स्त्री उसके पीछे जाती है और घर से बाहर निकल जाती है!
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