आखिर वो आ ही गई - रहस्यमई प्रेतनी Part-2
Crazyhorrormint लेकर आया है एक ऐसी भूतिया कहानी जो एक गर्ल होस्टल पर आधारित है । इससे पहले आपने कर्ण पिशाचिनी या उर्वशी- एक सच्ची कहानी , चैन सिंल्ग एक तिलिस्मी गांव- भूतिया कहानी , पढ़ा होगा जो हमारी लोकप्रिय कहानियों में से एक है । चलिए अब शुरु करते हैं । आपने हमारी पिछली कहानी आखिर वो आ ही गई - रहस्यमई प्रेतनी को पढ़ा होगा|
अब आगे:---
तांत्रिक भी
समझ
चुका
था
कि
यह
बहुत
ही
दुष्ट
और
शक्तिशाली आत्मा
है।
इसे
वश
में
नही
किया
जा
सकता
है
।
तांत्रिक- क्या
चाहती
है
तु
इस
लड़की
से
छोड़
दे
इसको
।
प्रिया- मै बदला चाहती हू क्युकि मुझे इसी कॉलेज की लडकियो ने रैगिंग करके मुझे बाथरूम मे गला दबा कर मार डाला था । मै नग्न अवस्था में उस बाथरूम में पड़ी हुई थी जहा पर ये चारों लड़किया रहती है और इन लोगो ने ही मुझे जगाया था ।
तांत्रिक- ठीक है हम सब तेरे साथ हुए उस घटना पर शर्मिन्दा है पर ये सब लडकिया निर्दोष है इन्हें छोड दे इन्होंने तेरा क्या बिगाड़ा है ।
प्रिया- मै किसी को भी माफ नहीं करुंगी ये चारों लड़कियों को मै अपने साथ ले जाऊंगी ।
इतना कहकर वह भयानक आत्मा प्रिया के शरीर से बाहर निकल आई और तांत्रिक के पास आकर अपने हाथों से उसके गले को पकड़ लिया और तांत्रिक को हवा में अपने एक हाथ से उठाकर बोला अगर तुझे अपनी जान प्यारी है तो भाग जा तेरे ये तंत्र मंत्र मुझ पर नही चलेंगे और हसते हुए तांत्रिक को कुछ मीटर दूर जमीन पर पटक दिया । तांत्रिक बिलकुल हैरान और डर चुका था उसने आज से पहले इतनी बुरी आत्मा कभी भी नही देखी थी । तांत्रिक तुरंत उठा और यह बोलकर भाग गया कि भागो वरना यह प्रेत किसी को भी नहीं छोड़ेगी जो भी इस हास्टल में रहेगा वह मारा जाएगा भाग जाओ यहा से ।
सभी लोग डर कर बस वहा खड़े थे और तभी वार्डन ने उन् सभी को अपने अपने कमरे में जाने के लिए बोला सभी लड़किया डर के साये मे थी क्युकि अभी कुछ ही पल पहले उन्होंने उस प्रेतनी को तात्रिक पर हमला करते हुए देखा था।
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तभी दर्शना ने अपने फोन से अपने घरवालों को फोन किया और उनहे सारी बाते बताई और सांम तक वहा हास्टल आकर उसे घर वापस ले जाने को कहा बांकि कि तीनों लडकियो ने भी अपने घर पर फोन करके सारी बात बताई और उनके घर वालो ने भी सांम तक वहा पर आने के लिए बोल दिया ।
सांम को चारों लड़कियों के घर के लोग आये और अपनी अपनी लडकियो को उस हास्टल से ले गये उनहे देख कर बाकी दूसरे कमरे की लड़किया भी हॉस्टल के दूसरे ब्लाक में स्फिट हो गई थी और कुछ लड़किया भी हॉस्टल को छोड कर घर चली गई थी ।
तक़रीबन 3 हफ्ते बाद..................
प्रिया की हालत बहुत ज्यादा खराब हो चुकी थी वह अपने घर पर भी डरी हुई रहती थी और बाकि की लडकिया भी रातो को सो नही पाती थी क्युकि जैसे ही उनकी आंखें बंद होती वह भयानक चेहरा उनके सामने आ जाता था। पर प्रिया कुछ ज्यादा ही तकलीफो से गुजर रही थी वह घंटो घंटो तक बेहोश रहती थी और रात को कमरे की खिड़की के पास खड़ी हो कर रात भर बाहर देखती थी और किसी से भी कुछ नहीं बोलती थी कभी कभी रातो में चिल्ला चिल्ला कर रोती थी ।
तभी प्रिया के पिता जी ने एक प्रसिद्ध साधु से बात कि जो मारन क्रियाओ मे विद्वान थे वो एक दिन प्रिया के घर आये और उसे देखने लगे साधु को देखकर प्रिया बहुत अभ्रद तरीके से पेश आ रही थी। तभी साधु ने प्रिया की सारी क्रियाओ को नोटिस करना शुरू किया।
साधु- बेटा तुम्हारा नाम क्या है ?
प्रिया- मेरा नाम प्रिया है ।
साधु- बेटा मेरे लिए एक गिलास पानी लाना ।
प्रिया साधु के लिए पानी तो लाती है पर वह इतना गर्म लाती है जिसे बिलकुल भी पिया नही जा सकता था । साधु समझ चुके थे कि प्रिया अभी भी किसी आत्मा या प्रेत के वश मे है । साधु ने प्रिया के पिता से कहा ।
साधु- यह अभी भी किसी दुष्ट प्रेत के वश में है और वह प्रेत अभी भी इसके अंदर ही रह रही हैं । हमे कुछ अनुष्ठान करने होगे और पता लगाना होगा कि वह आत्मा या प्रेत क्या चाहती है और क्यु उसने इसको पकड़ रखा है ।
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साधु प्रिया के पिता जी को तीन दिन का समय देते हैं और अनुष्ठान की तैयारी करने को कहते है अनुष्ठान के लिए प्रिया के पिता को कुछ सामग्री सिंदुर, नारियल, सुई, मटका, हल्दी, धागा और अन्य कुछ बूटिया भी लाने को कहा। और साधु वहा से चले गये। पर साधु के जाते ही रात को 2:30 बजे प्रिया अपने कमरे से बाहर निकली और छत पर चली गयी और छत के किनारे पर जाकर खड़ी हो गई वहा से छलांग लगाने ही वाली थी कि तभी प्रिया के पिता जी प्रिया को पकड़ लिया और अपनी तरफ खींचा । पर जैसे ही उन्होंने प्रिया का चेहरा देखा वह देख कर दंग रह गए वह प्रिया ना होकर एक प्रेतनी थी जिसकी आँखे पूरी तरह से लाल थी और उसके चेहरे पर बहुत सारे निशान थे जिसमे से लगातार खुन वह रहा था और वह अपने ही पिता को देखकर मुसकुराई और जोर जोर से हसने लगी और फिर बोली।
प्रिया- तुम्हे क्या लगता है तुम अपनी बेटी को मुझसे बचा लोगे ? तुम्हारी बेटी को मुससे कोई भी नही बचा सकता मै तुम्हारी बेटी को अपने साथ ले जाऊंगी ।
और इतना बोलकर वह प्रेतनी प्रिया के शरीर से बाहर निकलकर हवा में गायब हो गई और प्रिया बेसुध होकर जमीन पर गिर पड़ी । तभी प्रिया के पिताजी ने सभी घरवालों को चिल्ला कर बुलाया और प्रिया को एक मंदिर के कमरे में जाकर सुला दिया ।
अगले दिन फिर से वह साधु घर आए और प्रिया के पिता ने बीती रात को हुई सारी घटना को साधु को बताया । साधु ने सब कुछ सुनते ही सारी तैयारी करने को कह दिया और रात को हवन और तात्रिक अनुष्ठान करने को बोला ।
रात के करीब 11 बज रहे थे तभी साधु ने कहा घर के सभी खिड़कियों और दरवाजे को खोल दो और सभी लोगो को एक स्थान पर बैठने के लिए बोला और साधु ने पूरे घर को मंत्रो से बांध दिया और सभी सामग्री को लाकर एक गोल लाल सिंदुर से एक लाल घेरा बनाया।
और अग्नि कुंड में आग की प्रजलित करके कुछ तंत्र-मंत्र से एक देवी को साधु ने अपने शरीर पर बुलाया ।
थोड़ी देर बाद साधु ने जो कि एक देवी को धारण कर चुके थे उन्होंने एक प्रिया का नाम तीन बार पुकारा । प्रिया प्रिया प्रिया ।
नाम को पुकारते ही पूरे घर में पायल की छन छन की आवाज आनी शुरू हो गई । तभी प्रिया बुरी तरह से चिल्लाते हुए सीढ़ियो से रेगते और गिरते हुए हवन कुड के पास आई और अपने सिर को दिवारो पर मारने लगी ।
यह देखकर सभी घर के लोग डर गये और प्रिया के पिता ने प्रिया को रोकने के लिए अपने स्थान से उठे । तभी साधु ने एक स्त्री की आवाज मे प्रिया के पिता को बैठने के लिए बोला। और प्रिया के पिता रोते हुए अपने स्थान पर बैठ गए। साधु ने प्रिया को गोल लाल घेरे के अंदर बैठ ने को कहा पर वह दुष्ट प्रेतनी जिसने प्रिया के शरीर को वश मे किया हुआ था वह प्रिया को शारीरिक वेतना दे रही थी ताकि घर के लोग इस तंत्र मंत्र को रोक दे। सभी घर के लोग प्रिया की इस हालत को देखकर रो रहे थे पर कुछ भी नहीं कर सकते थे। तभी प्रिया ने अपने पुरे शरीर को घुमाकर मोड़ लिया जिससे उसके अंदर से कई हडिडयो के टुटने की आवाज आई ।
यह देखकर प्रिया की माता चिल्लाई और रोने लगी। और यह देखकर वह प्रेत जो प्रिया के शरीर के अंदर थी वह हस पड़ी । और मुह से माँस के टुकड़ों की उल्टी करने लगी।
सभी घर के लोग यह दृष्य देखकर जोर जोर से रोने लगे और प्रिया भागकर दरवाजे की तरफ गयी और जैसे ही घर से निकलने के लिए कदम आगे बढ़ाया हवा में उड़कर पीछे की तरह गीरी और साधु के पास आकर रुकी ।
तभी साधु ने स्त्री की आवाज मे ही मंत्रो का उच्चारण तेज कर दिया जिससे प्रिया के अंदर का प्रेत रोने लगी । और गिड़गिड़ाते हुए बोली
प्रिया- मुझे छोड़ दो । वरना मैं इस लड़की को अभी मार दूंगी ।
साधु- तु गोले के अंदर बैठ जा वरना तुझे मै अभी भस्म कर दूंगी ।
प्रिया- मै तुझसे नही डरती अगर तुने मुझे कुछ भी किया तो मै इस लकड़ी को मार दूंगी । तु चली जा यहा से । इस लड़की को कोई नही बचा सकता है मुझसे ।
साधु- मै आखिरी बार तुझसे कह रही हू तू लड़की के शरीर से निकल कर गोले मे बैठ जा वरना मै तुझे यही जला कर राख कर दूंगी ।
साधु अपनी स्थान से उठकर प्रिया के पास जाते हैं तभी प्रिया साधु को देखकर गिड़गिड़ाते हुए पीछे की तरह घिसट घिसट कर चलती है और दिवार के पास जाकर रुक जाती है ।
तभी साधु के अंदर माता भैरवी का रूप दिखाई देता है जिसे देखकर प्रेतनी चिल्लाने लगती है और साधु प्रिया के सिर पर हाथ रखते है। जिससे प्रेतनी रोते हुए प्रिया का शरीर छोड़कर गोले के अंदर जाकर बैठ जाती है ।
प्रिया का शरीर छोड़ते ही प्रेतनी एक काले धुए मे बदल जाती है और फिर एक प्रेतनी के रूप मे गोले मे दिखाई देती है । तभी साधु प्रिया के पिता को मंत्र पढ़कर थोड़ा जल दे कर प्रिया को पिलाने को कहते हैं । प्रिया के पिता जल को प्रिया को पिला देते हैं जिसके थोडी देर बाद ही होश में आती है ।
साधु अब मंत्रो का उच्चारण करते हुए प्रेतनी से कुछ स्वाल पूछते हैं ।
साधु- कौन है तू ?
प्रेतनी- मै सोपना हू ।
साधु- तुने इस लड़की के शरीर को क्यु धारण किया ?
प्रेतनी- क्युकि इसने और इसकी साथियो ने मुझे जगाया था और इसने और इसकी तीन और साधियों ने अपना शरीर मुझे धारण करने के लिए दिया था।
साधु- मतलब क्या है तेरा तु सब कुछ विस्तार से बता ?
मेरी लाश चार दिन तक उस कमरे में पड़ी हुई थी और ना ही मेरे घर वालो को यह बात पता चली कि मै मर चुकी हु । उसके बाद जब मेरे मरे हुए शरीर को कोई भी लेने नही आया तो मेरे शरीर का अंतिम संस्कार बिना कीसी अनुष्ठान के कर दिया । और मुझे मोक्ष की प्राप्ति नही हुई इसलिए मै एक प्रेतनी बन गई। और अब मुझे बदला चाहिए सभी इंसानो से ।
साधु- तो तुमने प्रिया का शरीर कैसे धारण किया ?
प्रेतनी- क्युकि गला दबाते वक्त मेरे शरीर का खुन मेरे सोने की चेन पर लग गया था जो उसी कमरे में बेड़ के नीचे टुट कर गीर गया था । इसलिए मेरी आत्मा उस चेन से जुड़ गई है मेरे मरने के बाद वही एक चीज मेरी शरीर से जुडी थी । जिसे इसके और इसके साथियों ने पहना था ।
इतना सुनकर साधु समझ गये थे कि चेन पर खुन लगे रहने के कारण वह चेन से जुड़ी हुई थी । तभी साधु एक मटकी को लेकर मंत्र उच्चारण करते हुए कहते हैं ।
साधु- ठीक है अब तु इस मटकी के अंदर आ जा ।
प्रेतनी- नहीं तुम मुझे कैद मत करो वैसे भी मुझे दुष्ट इंसानो ने बहुत नुकसान पहुंचाया है मै उन सब से बदला चाहती हू मुझे तुम उसी हास्टल में वापस से छोड दो मै इस लड़की को छोड दुंगी इसे कुछ नही करूंगी ।
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साधु- ठीक है मै तुझे उसी हास्टल में छोड़ दुंगा पर तु इस मटकी मे आ जा ।
इतना कहकर साधु मंत्रो से प्रेतनी को खीच कर मटकी में डाल कर काला कपडा बांधकर एक लाल धागे से बंद कर देते हैं । और प्रिया से पूछते हैं कि बेटा क्या किया था तुम लोगो ने और कौन कौन था तुम्हारे साथ उस कमरे मे जितनी भी लड़किया तुम्हारे साथ रहती थी उन सभी को फोन करके परसो अपने हास्टल में बुला लेना । और प्रिया को एक लाल रंग के कपड़े से बंधी हुई एक बुटी देकर चले गए जिसे उसे सोते समय अपने सिर के नीचे रखना था। और मटकी को साधु स्वयं लेकर चले गए ।
2 दिन के बाद साधु उसी हॉस्टल में गए वहा पर बाकी की तीन और लडकिया भी अपने घरवालो के साथ आई थी । और बहुत डरी हुई थी तभी दर्शना साधु के पास आती है और कहती है ।
दर्शना- बाबा वह प्रेतनी बहुत शक्तिशाली है वह रोज रात को मुझे सोने नही देती मै जब भी बेड पर लेटती हु मुझे ऐसा लगता है कि कोई मेरे बेड के नीचे है और वह मुझे देख रहा है ।
साधु- बेटा तुम चिंता मत करो मैं सब कुछ ठीक कर दुंगा ।
तभी हास्टल का वॉर्डन वहा आता है और साधु उसे सारी बाते बता कर अनुष्ठान करने को कहता है ।
थोड़ी ही देर बाद साधु अनुष्ठान को शुरू करते हैं और पहले पीजी के उस कमरे मे जाकर चेक करते हैं जिसमें चारों लड़कियां रह रही थी प्रेतनी के बताए गए अनुसार वह सोने की चेन को ढुढ़ने लगते हैं जो एक लकड़ी के दराज मे रखी होती है जो पूरी तरह से चमक रही थीं । तभी साधु बाहर आकर वार्डन से कहते हैं कि इस कमरे के पूरे विल्डिंग को खाली करवा दो क्युकि यहाँ पर एक नही बहुत सारी आत्माएं और प्रेत है इसलिए इस पूरे ब्लाक को ही मंत्रो से बाधकर बंद करना होगा ।
वार्डन इस बात को सुनकर थोड़ी देर बाद हा कहते हैं उस बिलिङग मे मात्र 14 ही कमरे थे जिसमे कई कमरे पहले ही भूतहा हो चुकी थी। सभी लड़किया अपना अपना सामान लेकर बाहर आती है जिसे वार्डन दूसरे ब्लाक के खाली बिल्डिंग मे स्फ्टि कर देता है ।
और साधु मंत्र का उच्चारण करने से पहले उस मटकी को उस रूम मे ले जाकर रख देते हैं और उस सोने की चेन को मटकी पर रख कर एक लाल सिंदूर से गोला बनाकर उसे उसी कमरे मे बाधित कर दिया और सभी कमरो मे मंत्रो से सिद्ध करके तालो को लगवा दिया । और बिल्डिंग के सभी कोने पर सुईयो से चुभी हुई निंबु को रखवाकर उस बिलडिंग के सारे मेन दरवाजो को बंद करवा दिया । और फिर जैसे ही साधु ने बजरंग बाण मंत्र का उच्चारण शुरू किया बिल्डिग मे कई आत्माए चिल्लाने और रोने लगी बिल्डिंग के अंदर से बस सामानो के गिरने व रोने की आवाजे आने लगी तभी कुछ कमरो के खिड़कियां अपने आप खुल गई । तभी एक हैरान करने वाला दृश्य सामने आया जहा पर एक स्त्री की आत्मा उस बिल्डिंग के फर्स्ट फ्लोर की गलियारे मे दिखी जो साधु को देखकर चिल्ला रही थी । तभी साथु ने कुछ अन्य साबर मंत्रो का उच्चारण किया ।
करीब 2 घण्टो के मंत्र उच्चारण के बाद पूरी बिलिङग से आवाजे आनी बंद हो गई और वह प्रेतनी भी गायब हो गई । और सब कुछ साधारण हो गया । फिर साधु ने वार्डन को बुलाया और कहा इस ब्लाक के बिलिङग के चारों तरफ एक दिवार बनवा दो ताकि इसे कोई भी ना खोल सके वरना वो सारी दुष्ट आत्माएं और प्रेत मुक्त हो जाएंगे फिर यहा रहने वाले सभी छात्राओं को परेशान करेंगी ।
साधु यह बोलकर उन चारो लड़कियो के पास गये और सभी को एक एक ताबीज देकर पहनने को कहा और सभी को आर्शीवाद देकर अपने शिष्यों के साथ चले गए ।
अब कुछ दिन बाद सब कुछ सामान्य था परन्तु उस पीजी हास्टल में रहने वाले सभी छात्राऐ बताती है कि उस बिलिङग से रात को रोने चिल्लाने और किसी लड़की की पायल पहन कर चलने की आवाज आती है । और कभी कभी कोई प्रेतनी उन्हे गलियारे मे खड़ी हुई भी दिखती हैं ।
समाप्त-----------
आज की इस कहानी मे बस इतना ही पर इस horror stories site पर ऐसी और भी भुत प्रेत पिशाच बेताल और कर्ण पिशाचनी की कहानिया यूहि आती रहेगी । कृपया हमारे अन्य दूसरी कहानियो की भी पढ़कर अपनी पसंदिदा कहानीयो मे शामिल करे तथा अपने अन्य साधियों को जरूर सेयर करे ।
धन्यवाद
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